Celebration of National Yuva Day 12.01.2023 | ||
हिन्दी - विभाग पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ आज दिनांक 12 जनवरी 2023 को पंजाब विश्वविद्यालय के हिन्दी-विभाग में प्रातः 10:30 बजे ‘राष्ट्रीय युवा दिवस’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया | कार्यक्रम का आरम्भ सरस्वती वंदना एवं दीप प्रज्ज्वलन से हुआ | इस कार्यक्रम में स्वामी विवेकानंद के व्यक्तित्व एवं उनकी शिक्षाओं से सम्बन्धित विषयों पर हिन्दी-विभाग एवं संस्कृत विभाग के विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों ने वक्तव्य प्रस्तुत किए | वक्तव्य प्रस्तुत करने वाले शोधार्थियों और विद्यार्थियों के नाम इस प्रकार हैं- अम्बिका अरोड़ा, अभिषेक भट्ट, उमा रानी, सुमनप्रीत कौर, भूपेंद्र, विशाल सिंह बंगा, शिवानी, रूपा, निखिल, वैष्णो, साहिल,बलजीत कौर और शोधार्थी नवीन कुमार नीरज | स्वामी विवेकानंद जी की जयंती को प्रत्येक वर्ष ‘राष्ट्रीय युवा दिवस’ के रूप में मनाया जाता है | स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता में हुआ | स्वामी विवेकानंद के नाम से विख्यात होने से पूर्व उनका नाम नरेन्द्रनाथ दत्त था | स्वामी विवेकानंद ने विश्व को वेदान्त एवं योग के भारतीय दर्शन से अवगत करवाया | ये संत रामकृष्ण परमहंस के प्रमुख शिष्य थे | वर्ष 1897 में इन्होंने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की थी | वक्तव्य के अंतर्गत अपने विचारों को साझा करते हुए प्रतिभागियों ने बताया कि स्वामी विवेकानंद ने भारत को विश्वगुरु के रूप में पहचान दिलाई | स्वामी जी ने शिक्षा के महत्त्व पर बल देते हुए स्त्री शिक्षा को प्रमुखता दी | शिक्षा का कार्य व्यक्तित्व एवं चरित्र का निर्माण होना चाहिए | उन्होंने आध्यात्मिकता एवं राष्ट्रीय विचारधारा के द्वारा आज़ादी के आन्दोलन में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया | धर्म मनुष्य को सद्विचार एवं आत्मा से जोड़ने का कार्य करता है | सभी धर्मों का सार सत्य है | स्वामी विवेकानंद के अनुसार अनुभव ही दुनिया का सबसे बड़ा शिक्षक है | मनुष्य में आत्मविश्वास का होना बहुत जरुरी है | जीवन में आगे बढ़ने के लिए कर्तव्यनिष्ठा और संघर्ष आवश्यक है | बाल विवाह और जातिवाद जैसी कुरीतियों का इन्होंने विरोध किया | हिन्दू दर्शन और सिद्धांतो को नवीन रूप देने का प्रयास इनके द्वारा किया गया | ये कुशाग्रबुद्धि एवं जिज्ञासु प्रवृत्ति के धनी थे | इनके अनुसार शिक्षा एक निरंतर प्रक्रिया है | जो व्यक्ति स्वयं को सशक्त समझता है वह अजेय हो जाता है | आज स्वामी जी की 160 वीं जयंती पर आज़ादी के 75 वर्षों के बाद भी उनके दर्शन एवं महत्त्वपूर्ण जीवन सूत्रों की प्रासंगिकता सार्थक सिद्ध होती है | देश के उत्थान एवं आत्मनिर्भरता हेतु शिक्षा एक महत्त्वपूर्ण उपकरण है | नैतिक और भौतिक दोनों शिक्षा जरुरी है | कार्यक्रम के अंत में विभागाध्यक्ष प्रोफ़ेसर बैजनाथ प्रसाद ने उपस्थित सभी श्रोतागण को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि ऊर्ध्वगामिता भारतीय दर्शन का मूलमंत्र है| किसी भी महापुरुष के विचारों को केवल सुनने से लाभ तभी होता, जब जीवन में उन विचारों का पालन किया जाय |
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Dated: 16/01/2023 | ||
1. | Celebration of Bhartiya Bhasha Utsav 11.12.2022 | |
2. | a special talk in the context of the Birth Anniversary of Bhagwan Birsa Munda as “Janjatiya Gaurav Diwas”. 15.11.2022 | |
3. | Lecture on 3.11.2022 on the topic Hindi Sahitya ko Punjab Ka Yogdan | |
4. | Celebration of Rashtriya Unity Day on 31.10.2022 | |
5. | Essay Writing & Declamation Contest on 21.09.2022 & 28.09.2022 | |
6. | Celebration of Hindi Diwas on 14.09.2022 | |
7. | Celebration of Tulsidas Jayanti on 4.8.2022 | |
8. | Celebration of Munshi Prem Chand Jayanti on 1.8.2022 | |
9. | Activities for the session 2021-22 | |
10. | MAJOR ACHIEVEMENTS / ACTIVITIES OF JULY 2020 | |
11. | MAJOR ACHIEVEMENTS / ACTIVITIES OF NOVEMBER 2019 | |
12. | MAJOR ACHIEVEMENTS / ACTIVITIES OF OCTOBER 2019 | |
13. | MAJOR ACHIEVEMENTS / ACTIVITIES OF SEPTEMBER 2019 | |
14. | MAJOR ACHIEVEMENTS / ACTIVITIES OF July and August 2019 | |
15. | MAJOR ACHIEVEMENTS / ACTIVITIES OF MAY 2019 | |
16. | MAJOR ACHIEVEMENTS / ACTIVITIES OF APRIL 2019 | |
17. | MAJOR ACHIEVEMENTS / ACTIVITIES OF MARCH 2019 | |
18. | MAJOR ACHIEVEMENTS / ACTIVITIES OF FEBRUARY 2019 |
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